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Tuesday, April 28, 2009

भूख सबको लगती है.....

भूख लगती है - सबको लगती हैखाना चाहिए - सबको खाना चाहिए

४०० लोगों का खाना बनता है हमारे यहाँ हर रोज़सुबह, दोपहर, शाम...इधर एक महीने से सात- आठ लोग और रहने लगे हैंउन्हें तीनों टाइम बस इसी बात का इंतज़ार रहता है की कब ये ४०० लोग खा लें ताकि जो बचा हुआ है वो उन्हें मिल जाएअक्सरमिलता है पर कभी नही भी मिलताबहार खड़े होकर देखते रहते हैंथोड़ा मुस्कुराएँगे तो थोड़ा नज़रें नीची कर लेंगे

ऐसा तुम्हे क्या मालूम है जो दूसरो को नही मालूम??

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