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Thursday, November 25, 2010

मेरे सतगुरु महाराज...


हर पल, हर क्षण मुझे आपकी मौज़ूदगी का अहसास रहे...

Wednesday, November 3, 2010

वो और हम...

वो दिवारों को कान लगवाने की बस बात भर करते हैं
तो हम फुसफुसाना भी बंद कर देते हैं।

Tuesday, November 2, 2010

दो चेहरे...

दिखता है
प्यारी सी मुस्कान
लिए हँसता चेहरा
तरल आँखों वाला
मुस्कुराता चेहरा
नहीं दिखता
सदियों की थकान
लिए रोता चेहरा
नम आँखों वाला
कराहता चेहरा

Monday, November 1, 2010

कुदक्कड़ मन

हिलता मचलता
फुदकता उछलता
कभी इस डाल
तो कभी उस डाल
बेचैन सा वो जाने
क्या ढुँढता
कभी रस - कभी गंध 
तो कभी
वो सुखद स्पर्श
वो सुरीली आवाज़
बस एक नज़र देखने
को तड़पता
मेरा कुदक्कड़ मन