कुछ भी लिख नहीं पाया। पहले हफ्ते तो इंटरनेट की परेशानी रही। स्कूल मे काम चल रहे होने की वजह से कुछ तारे कट गईं और पूरे हफ्ते इंटरनेट नही रहा। आदत ऐसी पड़ी है इसकी कि दिन भर रिफ्रेश करता रहता था कि अब आ जाए पर नही रहा सो नही रहा। फिर पिछले हफ्ते संस्थान के विदेशी छात्रों को लेकर दिल्ली और आगरा के स्टडी टूर पर चला गया। वहां इतना वयस्त रहा कि इंटरनेट के विषय में सोचने की फुर्सत ही नहीं रही। पिछले 6 दिन सुबह 6 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक दौड़-भाग में ही बीते। हां ताजमहल के संगमरमरी पत्थरों पर जो कुछ पल लेट कर बिताए वो याद रहेंगे।
इस बीच आए चिठ्ठियों के जवाब समय पर न दे पाया इसका अफसोस है।
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