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Thursday, March 19, 2009

slumdog millionaire.....

उन्होंने रूस में "slumdog millionaire" देखी। वो हमसे पूछते हैं की हमें यह फ़िल्म कैसी लगीलिखा: जो कुछ भी दिखाया वोसच ही है, भारत ऐसा ही हैकई समस्याएँ भारत के सामने मुंह बाये खड़ी हैं, उनमे से कुछ उन्होंने दिखाया हैयह बात और है की जो दिखाया है वही पश्चि के मन में रची-बसी भारत की पारंपरिक तस्वीर से हुबहू मेल खाती हैमेल खाती है सो उनके अहम् को बखूबी संतुस्ट करती , सो ही वो धडा-धड उसको पुरस्कारों से नवाजते हैं, वर्ना फिल्मे तो और भी कुछ अच्छी बनी हैं हमारे यहाँ
यह एक पहलु है पर दूसरा पहलु यह है कि फ़िल्म को मिली कामयाबी काबिले-तारीफ है। रहमान, गुलज़ार और पोकुटी हमारे हैं।

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