बीते 18-19 तारीख को रुस की राजधानी मास्को में दो दिवसीय फोरम "भारत-रुस सामाजिक डाइलॉग" संपन्न हुआ। फोरम में शिरकत करनें वाले लोगों की सूची में रुसी भाषा के भारतीय अध्यापकों के नाम देखकर अपार हर्ष हुआ। भारत में रुसी भाषा का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के लिये ये सारी गतिविधियां निश्चय ही आशा की नई किरण के समान हैं। हर पल अनिश्चित भविष्य के साये में रुसी भाषा की पढ़ाई कर रहे भारतीय विद्यार्थियों को इन गतिविधियों के रुप में कुछ तो राहत मिलेगी। उन्हें एक नया कारण मिलेगा जो उन्हें एक बेहतर रुसी विशेषज्ञ बनने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
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