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Wednesday, July 8, 2009

हवाई सफर....

वो उड़ने के ठीक पहले, बेल्ट बांधने को कहते हैं और फिर लाइम वाटर देते हैं। आखिर क्यों भला? इगर कहता है: वो इसलिए कि आदमी को डर न लगे, उसका मन बहला रहे। आखिर मैं इस सत्य को महसूस क्यों नही कर पाता कि मैं जमीन पर नही बल्कि जमीन से कइ एक किलोमिटर उपर हवा मे तैर रहा हुं। इस सहज से दिखने वाले रोमांच से मैं वंचित क्यों रह जाता हुं? मलान्या काकी को डरा दिया - इंजन बंद हों जाए तो हांथ से छुटे कु्ल्हाड़ी की तरह गिरता है।चुनने के लिए हड्डियां भी नहीं मिलतीं।
तु जलता है कि हम आगे बढ़ रहे हैं। तुझे इर्ष्या हो रही है। मुझे पता चल चुका है। अब तेरी एक न सुनेंगे। आगे बढ़ेगे ्अब हम।
सब घाल-मेल कर दिया। इसमें का उसमें, उसमें का इसमें।

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