Translate this web page in your own language

Friday, August 17, 2012

काम चाहिए

काम चाहिए.
पैसा चाहिए.
और कोई विकल्प नहीं.
अगर यहाँ टिके रहना है तो
काम चाहिए.
पैसा चाहिए.
दिन-रात यही दो वाक्य.
दिवारों पर,
गलियों, चौराहों, बसों,
ऑटो-रिक्शे पर
बैनरों, पोस्टरों, अखबारों पर
बस यही दो वाक्य।
काम चाहिए.
पैसा चाहिए.



No comments:

Post a Comment