नर्मदा हॉस्टल में रहने का मजा ही कुछ और था। इस हॉस्टल से इतना प्यार हो गया था कि जब एम.फिल मे नर्मदा छोड़ने की बात आई तो कई दिनों तक मैने DSW के चक्कर लगाए कि मुझे डबल रहने में कोई ऐतराज नहीं कृप्या मुझे नर्मदा में ही रहने दिया जाए। पर ऐसा संभव ही नहीं था। आखिर कावेरी जाना पड़ा।
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