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Tuesday, May 5, 2009

दूसरा कोई रास्ता ना था ??

बोलो,
किसने निकाले?
मैंने नही निकाले
मिला तो तुम्हारे बस्ते में
पूरे स्कूल में तख्ती डाल कर घुमाया
फिर घर से अम्मा-बाबूजी को बुलवाया
नाम काट देंगे, कहीं नहीं पढने देंगे
सब चिढायेंगे
मुझे नही पता उसने निकाले थे कि नही
पर इल्जाम उसपर लगा
अम्मा-बाबूजी और वो सब साथ निकले
वो पहले पहुँची, थोड़ा तेज चली, दौड़ने जैसा
रोका क्यों नही?
फिर रुक गई, एकदम से रुकी, रुक कर झूल गई
पंखे से झूल गई
उनके पहुँचने से पहले,
वो जा चुकी थी
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