इस अवसर पर प्रस्तुत है उनकी कविता "молитва" का हिन्दी अनुवाद...
प्रार्थना
मुश्किल घड़ियों में जीवन की,
जब पीड़ा भर जाए हृदय में,
एक प्रार्थना जो है अद्भुत
दोहराया करता हूँ, मैं मन में।
है ईश्वरीय शक्ति का आभास
उच्चारण में इन जीवित शब्दों के
और सांस लेती है अबुझ
पवित्र सुंदरती इनके भीतर।
जैसे हृदय से बोझ उतर गया,
संशय दूर छिटक गया है -
अब आश्वस्त हूँ, गला है रुंधा,
और सब कितना हल्का, हल्का...
मूल- मिखईल युरेविच लेरमन्तव
अनुवादक - कुँवर कान्त