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Tuesday, October 18, 2011

अधूरे शौक...

बचपन में चित्रकारी का शौक था। खासकर कॉमिक्स के चरित्रों के चित्र बनाने का...नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, डोगा आदि...कभी कुछ प्राकृतिक दृश्य...कभी देवी-देवताओं के चित्र बनाए। मुख्यतः स्केच पेन या पेन्सिल से बनाया करता था। हमेशा सोचता था कि एक दिन वाटर-कलर खरीद कर ले आउंगा पर नहीं ला सका और जो बनाया वह भी तभी तक जब तक अपने जन्म-स्थान सिरका कोलियरी, झारखंड में रहा। 
अभी कुछ दिनों पहले बिग-बाजार में ऐसे ही घूमते वक्त वाटर-कलर पर नजर गई तो एक ड्रॉइंग-बुक के साथ खरीद लाया। अब पन्द्रह साल बाद एक बार फिर शुरु करते हैं उस बीच में छूटी यात्रा को, ताजा करते हैं पुरानी यादों को।

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