आप धूर्त और मक्कार हैं
बिना किसी प्लानिंग के
युँ ही हैं निकल पड़ते
शहर की सड़कों पर
इधर-उधर सरकते हुए
मॉलों-अटारियों पर
छलकते-मचलते हुए
कइयों किलोमीटर
क्योंकि आज इतवार है,
तोड़े हैं पैसे
और आपके पास खाली समय भी है भरपूर
या फिर हो सकता है
किआप बेकार और बेरोजगार हैं
बिना किसी प्लानिंग के
युँ ही हैं निकल पड़ते
शहर की सड़कों पर
इधर-उधर झांकते हुए
रेहड़ी-पटरियों पर
बुझते-सुलगते हुए
दसियों किलोमीटर
क्योंकि आज जाने कौन सा वार है
थोड़े हैं पैसे
और आपके पास खाली कुसमय है भरपूर
शायद इसे पूरा करेंगे?
ReplyDeleteचारुमति
चारुमति मैडम, अब और कुछ नहीं जोड़ना चाहता। अपनी कहानी अलग से ही लिखुंगा।
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