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Wednesday, February 2, 2011

मॉस्को से आए हिन्दी के छात्रों से मिले भारत में रुसी पढ़ने वाले छात्र


रुसी विद्यार्थियों के साथ निश्चित मुलाकात सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होने मशहूर रुसी गाने "कात्युशा" के साथ किया। फिर अपना संक्षिप्त परिचय देने के उपरान्त उन्होने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए क्वीज प्रोग्राम का आयोजन किया। क्वीज की शुरुआत आसान सवालों से हुई जैसेः रूस के राष्ट्रपति का नाम, रूसी शहरों और व्यंजनों के नाम पर बाद में रुस के प्रख्यात बैले डांसर का नाम बताने और रुसी साम्राज्य की शुरुआत किस सदी से मानी जाती है जैसे अपेक्षाकृत मुश्किल सवाल भी पूछे। विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ इसमें हिस्सा लिया और जम कर रुसी मेहमानों द्वारा लाए गए उपहार बटोरे। बाद में रुसी मेहमानों ने हिन्दी/उर्दु की कुछ कविताओं का पाठ किया जिसमें फैज अहमद फैज और केदारनाथ सिंह की कविताओं के पाठ पर खुब तालियां बजीं। उन्होने हमारे विद्यार्थियों के अनुरोध पर "कभी-कभी मेरे दिल में खयाल आता है" फिल्मी गाना भी गाया। जवाब में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी प्रख्यात रुसी कवि अलेक्सांद्र सेर्गेविच पुश्किन की "Я вас любил, Я помню чудное мгновенье" आदि कविताओं का पाठ किया।
अंत में विद्यार्थियों ने एक-दूसरे से इ-मेल पतों का आदान-प्रदान किया जो निश्चय ही दोनों ओर के विद्यार्थियों के लिए भविष्य में अन्य सुखद अवसर उपलब्ध कराने में सहयोगी होगा। 

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